Meri kavitayen
Monday 16 December 2013
Meri kavitayen: उस रूह को मिटाने का सुकुन ही कुछ और था जो मेरे ...
Meri kavitayen: उस रूह को मिटाने का
सुकुन ही कुछ और था
जो मेरे ...
: उस रूह को मिटाने का सुकुन ही कुछ और था जो मेरे अंदर थी एक कील की तरह चुभती थी ...... उसकी आँहेँ वो आकाश के सिरे पर जा कर टूट जात...
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